आजकल के बच्चे ज्यादातर टाइम mobile phone, tab व laptop देखने में बिता देते हैं. बच्चे आजकर घर से बाहर निकल खेलने से ज्यादा अपने घर पर ही बैठकर mobile चलाना पसंद करते हैं. लेकिन ये आदत बच्चो के उपर क्या असर डालती है, इसका अंदाजा भी नहीं होगा आपको. एक शोध में इसका खुलासा हुआ है.
दरअसल में अमेरिका में किए एक शोध से पता चला है कि social media पर ज्यादा समय बिताने पर बच्चे अपने दोस्त, परिवार व सोसायटी से कनेक्ट नहीं हो पाते. 1,146 पेरेंट्स पर किए गए एक सर्वे से पता चला जिसमें 50 प्रतिशत माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे technology में ज्यादा समय बिताते हैं, 30 प्रतिशत मामले में पेरेंट्स इस बात पर परेशान हैं कि उनके बच्चे को स्कूल में दूसरे बच्चे परेशान करते हैं. 22 प्रतिशत माता-पिता ने कहा कि corona में आई सोसायटी में बदलाव का असर उनके बच्चों पर काफी पड़ा है. हर पांच में से एक माता-पिता ने माना कि नस्ल, जातीयता, कल्चर, सोशल-इकोनॉमिक स्टेट और जेंडर के आधार होने वाले असामनता से उनके बच्चे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते.
एक बाल मनोवैज्ञानिक डॉ. एरियाना होएट ने कहा कि सोशल रिलेशनसीप अपने पन की भावना को बढ़ाते है, इससे पर्सनैलिटी में भी निखार आता है. एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि 14 प्रतिशत माता पिता ने माना कि उनके बच्चों का क्लास में ढ़लने में परेशानी होती है, 17 प्रतिशत अभिभावक का मानना है कि उनके बच्चे स्कूल में दोस्त नहीं बना पा रहे हैं. इसके अलावा 13 फीसदी छात्र ने कहा है कि क्लास में उनके बच्चे को धमकी मिलती है. वहीं 5 फीसदी पेरेंट्स का कहना है कि उनके बच्चे खेल एक्टिवीटी में अपना दोस्त नहीं बना पाते हैं. होएट ने सजेशन दिया है कि पेरेंट्स अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए एसा तरीका खोजें जिससे उनके बच्चे सोशल रिलेशन बना सके.
Disclaimer: उपरोक्त सलाह सामान्य जानकारी पर आधारित है, अतिरिक्त जानकारी के लिए चिकित्सक का सलाह जरुर लें.